विद्यालय तक जाने के लिए पहुंच पथ भी नहीं है
विद्यालय की स्थापना 13 दशक पूर्व हुई थी. लेकिन आज के डिजिटल युग में भी विद्यालय में बिजली नहीं पहुंची है, जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लास सहित डिजिटल माध्यम से होने वाली पढ़ाई नसीब नहीं हो पा रही है. विद्यालय में कक्षा एक से लेकर दसवीं में कुल 565 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. विद्यालय तक जाने के लिए पहुंच पथ भी नहीं है. विद्यालय के पूरब दिशा में रेलवे लाइन गुजरा है. लो लेबल सबवे नहीं रहने के कारण विद्यार्थी व शिक्षक रेलवे ट्रैक पार कर जान जोखिम में डालकर विद्यालय तक आवागमन करते हैं. विद्यालय के पश्चिमी दिशा की ओर रैयती जमीन रहने के कारण सड़क नहीं बन पा रही है. बिजली की समस्या को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मदन गोपाल राम ने बिजली विभाग व जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया था. लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं किया गया. जिसका खामियाजा विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों को भुगतान पड़ रहा है.स्कूल में नहीं है हिंदी विषय का शिक्षक
प्रधानाध्यापक राम ने बताया कि रेल अंडर पास की समस्या को लेकर हाजीपुर जोन के रेल महाप्रबंधक को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया था. लेकिन रेलवे स्टेशन नजदीक होने के कारण लो लेबल सबवे नहीं बनाया गया. नौवीं से दसवीं के लिए हिंदी व शारीरिक विषय के शिक्षक नहीं हैं. जिससे विद्यार्थियों को हिंदी की पढाई संस्कृत के शिक्षक के द्वारा कराया जा रहा है. वहीं शारीरिक शिक्षक नहीं रहने से विद्यार्थी खेल कूद व शारीरिक शिक्षा से वंचित रह रहे हैं. प्रधानाध्यापक मदन गोपाल राम ने विद्यालय में उच्च विद्यालय के लिए हिंदी व शारीरिक शिक्षक की मांग जिला शिक्षा पदाधिकारी से की है, ताकि विद्यार्थियों को विषयवार शिक्षा मिल सके. इसे भी पढ़ें - Breaking">https://lagatar.in/breaking-himanta-vishwa-sarma-was-stopped-by-the-administration-in-deoghar/">Breaking: हिमंता विश्व सरमा को प्रशासन ने देवघर में रोका, पाकुड़ के गोपीनाथपुर जा रहे थे [wpse_comments_template]